जूता पहले भी लोगों का स्टेटस सिंबल था, आज इससे थोड़ा ऊपर उठकर स्टेटस स्टार हो गया है. पहले जब चुर्रचुर्र करता था तो लोग कहते थे नया है इसीलिए कर रहा है...अब जब फुर्रफुर्र कर रहा है तो खूब मजा आ रहा है. लोग कहते फिर रहे हैं जिसके ऊपर जुता फुर्रफुर्र कर आकर गिरेगा वह स्टारडम से और ऊपर उठकर सुपर स्टार बन जाएगा. तभी तो जब १५ अगस्त को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला पर परेड की सलामी लेते हुए जुता फेंका गया तो उनके परम पूज्य पिताश्री ने बयान दिया कि यह तो उनके राजनीतिक कॅरियर में एक सितारा जैसा है. उन्होंने जुतनारायण महाराज की स्वर्णिम यात्रा का बखान भी कर डाला कि कैसे बुश से लेकर जरदारी और चितंबरम तक जूते बरसे और उनका सितारा चमका. वे बेहद खुश नजर आए कि उनके श्रवण कुमार जैसे बेटे पर जुतनारायण महाराज ने कृपा दृष्टि दिखा दी है.न तो उमर और न ही उनके पिताश्री को इस बात की जरा भी चिंता है कि कश्मीर का आम अवाम किन परिस्थितियों से जूझ रहा है. वे इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि कश्मीर की वादियों में जो आग लगी है वह जंगल की आग है. इसे बुझाने के लिए एक दो फायर बिग्रेड की गाडिय़ां काम नहीं आती हैं. इसे बुझाने के लिए व्यापक तैयारी करनी पड़ती है. ये दोनों तो इस बात से खुश हैं कि जुतनारायण महाराज की कृपा दृष्टि उनपर पड़ गई है अब अगली बार फिर कुर्सी उनके ही हाथ में होगी. वे यह समझने की भूल कर रहे हैं. उन्हें इस बात का जरा भी गुमान नहीं है कि जुतनारायण महाराज आम आवाम के प्रतिक हैं. वे जब चुर्रचुर्र करते थे तब भी परेशानी खड़ी कर देते थे अब जब फुर्रफुर्र कर रहे हैं तो भी घोर विपत्ति ही लाएंगे.....जय हो जुतनारायण महाराज की..............