...आइए आपको बताऊं सेक्स स्कैंडल में फंसे उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत से जुड़ी क्या है वह भूली दास्तां.. जब मैं देहरादून में था। वह सेक्स और राजनीति का कॉकटेल था...
कहते हैं राजनीति में मुर्दों को भी जिंदा रखा जाता है। वक्त पड़ने पर उन्हें कब्र से बाहर लाया जाता है और फिर उस पर गेम प्लान होता है। उत्तराखंड की राजनीति में सेक्स का तड़का भी ऐसा ही गड़ा मुर्दा है। हरीश रावत को सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने वाले हरक सिंह रावत अब ऐसे ही एक गड़े मुर्दे की गिरफ्त में आ चुके हैं। उनके ऊपर दिल्ली के सफदरगंज इनक्लेव थाने में एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया है।
आप पूछेंगे इसमें नई कौन सी बात है। राजनेताओं पर तो मामले दर्ज होते ही रहते हैं वह भी उत्तराखंड में तो सेक्स के कॉकटेल पर राजनीति बहुत पुरानी है। तो जनाब बता दूं। यह मामला उतना भी सीधा नहीं है। पता नहीं उत्तराखंड की मीडिया इसे कैसे लेगी। पर बता दूं कि इस सेक्स स्कैंडल से जुडेÞ बेहद अहम कड़ियों का खुलासा हमने तीन साल पहले ही कर दिया था।
उस वक्त मैं दैनिक जागरण के आईनेक्स्ट अखबार का संपादकीय प्रभारी था। क्राइम रिपोर्टर थे मयंक राय। मयंक इन दिनों ई-टीवी उत्तराखंड में हैं। मयंक के पास किसी सूत्र के जरिए यह जानकारी आई थी कि कांग्रेस के एक बड़े नेता पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है। फिर हमलोगों ने इस मामले पर बेहद गहराई से पड़ताल की थी। बेहद संगीन मामला होने के कारण एक-एक पहलू पर जांच करने के बाद हमने यह खबर प्रकाशित की थी। इतनी सावधानी इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि मामला उत्तराखंड के सबसे कद्दावर नेता हरक सिंह रावत के बारे में थी। यह वही हरक सिंह रावत थे जो 2004 में जेनी कांड में फंसे थे। जेनी ने भी हरक सिंह रावत पर रेप का आरोप लगाया था। खैर हमने इस मामले के एक-एक पहलू की जांच की और खबर प्रकाशित की।
हमने बताया कि कैसे उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर सेक्स स्कैंडल ने दस्तक दे दी है। हमने यहां तक खुलासा किया था कि इस मामले को दबाने के लिए उस युवती को दिल्ली के सफदरगंज इनक्लेव में करीब डेढ करोड़ का फ्लैट खरीद कर दिया गया है। तीन से चार किस्तों में हमने इसे पूरे प्रकरण से जुड़े एक-एक पहलू को खोला था। हालांकि स्वीकार करता हूं कि उस वक्त कांग्रेस नेता का नाम और उस युवती के नाम का खुलासा करने में हमारे सामने पत्रकारिता के एथिक्स आड़े आ गए थे। नेता जी का नाम का खुलासा एक शर्त पर किया जा सकता था, अगर उस लड़की ने नेता जी के नाम से एफआईर दर्ज कराई होती। पर अफसोस ऐसा नहीं हो सका। पर समझने वाले समझ गए थे कि मामला किस कद्दावर नेता से जुड़ा है। उस वक्त उत्तराखंड की राजनीति में जबर्दस्त तूफान आया था। लेकिन जिस तरह तूफान आता है और थम जाता है। ठीक उसी तरह यह तूफान भी थम गया।
थम इसलिए गया था कि मामले को बेहद शातिराना तरीके से मैनेज कर लिया गया था। युवती को भी मैनेज कर लिया गया था। थम इसलिए भी गया था क्योंकि युवती ने अपने साथ हुए ‘सो कॉल्ड रेप’ का मामला दर्ज नहीं करवाया था। छानबीन की जाए तो पता चल जाएगा कि उस वक्त उसी युवती ने सफदरगंज इनक्लेव थाने में जाकर फरियाद की थी। अब यह कहने में जरा भी हिचक नहीं है कि वह फरियाद कहीं न कहीं हरक सिंह रावत को ब्लैकमेल करने के लिए की गई थी।
अब करीब तीन साल बाद उसी सफदरगंज इन्क्लेव में एक युवती द्वारा हरक सिंह रावत पर रेप का केस दर्ज करवाया गया है। आज सुबह जैसे ही मेरे मोबाइल पर दिल्ली से इस मामले को लेकर कॉल आई मैं हैरान रह गया। फोन करने वाले ने मुझे इसलिए फोन किया था, क्योंकि वह उस वक्त का गवाह है जब इसी युवती ने मामले को लेकर मुझे और मयंक को कोर्ट में घसीटने की धमकी दे डाली थी। कांग्रेस के उस वक्त के कुछ बड़े लोगों ने भी हमें शांत रहने की नसीहत दे डाली थी। अब सबकुछ साफ है।
मुझे पता नहीं हरक सिंह रावत इस मामले से कैसे बचकर निकलेंगे। हालांकि उनका इस तरह के मामलों में पुराना अनुभव रहा है। वे बेदाग होकर निकल जाएंगे। पर हरीश रावत को सत्ता से उतारने के प्रयास के बाद उनका इस तरह बचकर निकलना इतना आसान भी नहीं होगा। अभी आगे क्या होगा कह नहीं सकता, लेकिन अनुभव के आधार पर कहूं तो हरक को घेरने के लिए यह बेहद शातिर चाल चलने वाला हरक का ही करीबी है। जल्द ही सामने आ भी जाएगा।
फिलहाल युवती ने सफदरगंज इन्क्लेव थाने में बताया है कि वह आसाम की रहने वाली है और हरक सिंह रावत ने उससे दो साल पहले सफदरगंज इनक्लेव के ही फ्लैट में रेप किया है। पर आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह महिला कोई और नहीं पंजाब की वही सिंगर है जिसकी चर्चा हमेशा उत्तराखंड में होती है। देहरादून के सहस्रधारा में इसका अपना फ्लैट भी है।
इंतजार करिए अभी और भी खुलासे होंगे। पर इस वक्त मुझे बेहद फक्र है कि हमने जो खबर प्रकाशित की थी उसकी बुनियाद सच के दम पर रखी गई थी। मयंक राय को भी बधाई देना चाहूंगा कि जब तक उसने मेरे साथ काम किया खोजी पत्रकारिता का रोज नया इतिहास ही लिखता गया। उम्मीद करता हूं वह जहां भी है इसी तरह अपनी खोजी पत्रकारिता के जरिए अपनी पहचान कायम रखेगा।
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New Published 11 April 2013 |
कहते हैं राजनीति में मुर्दों को भी जिंदा रखा जाता है। वक्त पड़ने पर उन्हें कब्र से बाहर लाया जाता है और फिर उस पर गेम प्लान होता है। उत्तराखंड की राजनीति में सेक्स का तड़का भी ऐसा ही गड़ा मुर्दा है। हरीश रावत को सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने वाले हरक सिंह रावत अब ऐसे ही एक गड़े मुर्दे की गिरफ्त में आ चुके हैं। उनके ऊपर दिल्ली के सफदरगंज इनक्लेव थाने में एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया है।
आप पूछेंगे इसमें नई कौन सी बात है। राजनेताओं पर तो मामले दर्ज होते ही रहते हैं वह भी उत्तराखंड में तो सेक्स के कॉकटेल पर राजनीति बहुत पुरानी है। तो जनाब बता दूं। यह मामला उतना भी सीधा नहीं है। पता नहीं उत्तराखंड की मीडिया इसे कैसे लेगी। पर बता दूं कि इस सेक्स स्कैंडल से जुडेÞ बेहद अहम कड़ियों का खुलासा हमने तीन साल पहले ही कर दिया था।
उस वक्त मैं दैनिक जागरण के आईनेक्स्ट अखबार का संपादकीय प्रभारी था। क्राइम रिपोर्टर थे मयंक राय। मयंक इन दिनों ई-टीवी उत्तराखंड में हैं। मयंक के पास किसी सूत्र के जरिए यह जानकारी आई थी कि कांग्रेस के एक बड़े नेता पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है। फिर हमलोगों ने इस मामले पर बेहद गहराई से पड़ताल की थी। बेहद संगीन मामला होने के कारण एक-एक पहलू पर जांच करने के बाद हमने यह खबर प्रकाशित की थी। इतनी सावधानी इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि मामला उत्तराखंड के सबसे कद्दावर नेता हरक सिंह रावत के बारे में थी। यह वही हरक सिंह रावत थे जो 2004 में जेनी कांड में फंसे थे। जेनी ने भी हरक सिंह रावत पर रेप का आरोप लगाया था। खैर हमने इस मामले के एक-एक पहलू की जांच की और खबर प्रकाशित की।
हमने बताया कि कैसे उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर सेक्स स्कैंडल ने दस्तक दे दी है। हमने यहां तक खुलासा किया था कि इस मामले को दबाने के लिए उस युवती को दिल्ली के सफदरगंज इनक्लेव में करीब डेढ करोड़ का फ्लैट खरीद कर दिया गया है। तीन से चार किस्तों में हमने इसे पूरे प्रकरण से जुड़े एक-एक पहलू को खोला था। हालांकि स्वीकार करता हूं कि उस वक्त कांग्रेस नेता का नाम और उस युवती के नाम का खुलासा करने में हमारे सामने पत्रकारिता के एथिक्स आड़े आ गए थे। नेता जी का नाम का खुलासा एक शर्त पर किया जा सकता था, अगर उस लड़की ने नेता जी के नाम से एफआईर दर्ज कराई होती। पर अफसोस ऐसा नहीं हो सका। पर समझने वाले समझ गए थे कि मामला किस कद्दावर नेता से जुड़ा है। उस वक्त उत्तराखंड की राजनीति में जबर्दस्त तूफान आया था। लेकिन जिस तरह तूफान आता है और थम जाता है। ठीक उसी तरह यह तूफान भी थम गया।
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News Published 12 April 2013 |
थम इसलिए गया था कि मामले को बेहद शातिराना तरीके से मैनेज कर लिया गया था। युवती को भी मैनेज कर लिया गया था। थम इसलिए भी गया था क्योंकि युवती ने अपने साथ हुए ‘सो कॉल्ड रेप’ का मामला दर्ज नहीं करवाया था। छानबीन की जाए तो पता चल जाएगा कि उस वक्त उसी युवती ने सफदरगंज इनक्लेव थाने में जाकर फरियाद की थी। अब यह कहने में जरा भी हिचक नहीं है कि वह फरियाद कहीं न कहीं हरक सिंह रावत को ब्लैकमेल करने के लिए की गई थी।
अब करीब तीन साल बाद उसी सफदरगंज इन्क्लेव में एक युवती द्वारा हरक सिंह रावत पर रेप का केस दर्ज करवाया गया है। आज सुबह जैसे ही मेरे मोबाइल पर दिल्ली से इस मामले को लेकर कॉल आई मैं हैरान रह गया। फोन करने वाले ने मुझे इसलिए फोन किया था, क्योंकि वह उस वक्त का गवाह है जब इसी युवती ने मामले को लेकर मुझे और मयंक को कोर्ट में घसीटने की धमकी दे डाली थी। कांग्रेस के उस वक्त के कुछ बड़े लोगों ने भी हमें शांत रहने की नसीहत दे डाली थी। अब सबकुछ साफ है।
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News Published 5 May 2013 |
मुझे पता नहीं हरक सिंह रावत इस मामले से कैसे बचकर निकलेंगे। हालांकि उनका इस तरह के मामलों में पुराना अनुभव रहा है। वे बेदाग होकर निकल जाएंगे। पर हरीश रावत को सत्ता से उतारने के प्रयास के बाद उनका इस तरह बचकर निकलना इतना आसान भी नहीं होगा। अभी आगे क्या होगा कह नहीं सकता, लेकिन अनुभव के आधार पर कहूं तो हरक को घेरने के लिए यह बेहद शातिर चाल चलने वाला हरक का ही करीबी है। जल्द ही सामने आ भी जाएगा।
फिलहाल युवती ने सफदरगंज इन्क्लेव थाने में बताया है कि वह आसाम की रहने वाली है और हरक सिंह रावत ने उससे दो साल पहले सफदरगंज इनक्लेव के ही फ्लैट में रेप किया है। पर आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह महिला कोई और नहीं पंजाब की वही सिंगर है जिसकी चर्चा हमेशा उत्तराखंड में होती है। देहरादून के सहस्रधारा में इसका अपना फ्लैट भी है।
इंतजार करिए अभी और भी खुलासे होंगे। पर इस वक्त मुझे बेहद फक्र है कि हमने जो खबर प्रकाशित की थी उसकी बुनियाद सच के दम पर रखी गई थी। मयंक राय को भी बधाई देना चाहूंगा कि जब तक उसने मेरे साथ काम किया खोजी पत्रकारिता का रोज नया इतिहास ही लिखता गया। उम्मीद करता हूं वह जहां भी है इसी तरह अपनी खोजी पत्रकारिता के जरिए अपनी पहचान कायम रखेगा।