Thursday, August 17, 2023

ब्रांडेड स्टोर्स में एक रुपये की भीख !

हाल के वर्षों में आपने भी एक बात नोटिस की होगी। किसी भी ब्रांडेड स्टोर में आप चले जाएं बिलिंग के वक्त एक या दो रुपये की "भीख" मांगी जाती है। हालांकि इसे अंग्रेजी में चैरेटी का नाम दे दिया जाता है, ताकि आपको इमोशनली ब्लैकमेल किया जा सके। मैं इस चैरेटी को कंपनी द्वारा मांगी जाने वाली भीख क्यों लिख रहा हूं आपको जल्द ही समझ में आ जाएगा। बिलिंग काउंटर पर मौजूद महिला या पुरुष आपसे बेहद शालीनता और विनम्रता के साथ पूछेंगे, सर क्या आप एक रुपये चैरेटी में देना चाहेंगे। अब आप सोचेंगे इतना बड़ा स्टोर है। इतनी विनम्रता से पूछा जा रहा है। आपके पीछे लाइन में एक-दो लोग खड़े भी होंगे जो आपकी और सेल्सपर्सन की बात सुन रहे होंगे। बात सिर्फ एक रुपये की ही तो है, ना कह देने पर स्टेटस गड़बड़ा जाएगा। आप मुस्कुराते हुए हां कह देंगे। आपके हां कहते ही आपके बिल में एक या दो रुपये जोड़ दिए जाएंगे। अगर आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या यूपीआई से पेमेंट करेंगे तो ये स्टोर वाले आपसे एक या दो रुपये की भीख मांगेंगे। अगर आपने कैश में देने की बात कही तो देखेंगे कि राउंड फिगर अमाउंट कितना है, उसी के अनुसार चैरेटी के लिए बोलेंगे। आप जब पूछेंगे कि यह पैसे किस चैरेटी में जाएंगे, वो कुछ बताने की स्थिति में नहीं रहेंगे। बस यही कहेंगे कि सर हमारी कंपनी जरूरतमंदों की मदद करती है। वो जरूरतमंद कौन हैं, किस तरह की चैरेटी है, कौन लोग लाभांवित होंगे? यकीन करिए काउंटर पर मौजूद "बेचारों" के पास कोई जानकारी नहीं होगी। बेचारा भी इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि कंपनी उनसे कहती है कि चैरेटी करवाओ, नहीं तो बाहर जाओ। वो मजबूरन हंसते मुस्कुराते आपसे भीख मांग कर चैरेटी करवाएंगे। एक बार हिसाब लगा कर देखिए.. अब आप जरा हिसाब लगाइए। किसी कपड़े के बड़े ब्रांडेड स्टोर में प्रतिदिन औसतन दो हजार कस्टमर पहुंचते हैं। इनमें से 1800 लोग कुछ न कुछ खरीदते ही होंगे। इन 1800 लोगों में से 1500 लोगों ने भी अगर कम से कम एक रुपया भीख के रूप में दे दिया तो स्टोर के पास 1500 रुपये अतिरिक्त आ गए। यानि एक महीने में 45 हजार रुपये। और एक साल में पांच लाख चालीस हजार रुपये। तीन साल में 16 लाख 20 हजार रुपये। यह सिर्फ एक स्टोर की कमाई है। मैंने सिर्फ आंकड़े बताने के लिए एक बड़े स्टोर की वेबसाइट को खंगाला। दुबई की इस कंपनी के सिर्फ भारत में इस वक्त 97 स्टोर हैं। यानि तीन साल में इन सभी स्टोर से यह रिटेल ब्रांड की कंपनी करीब 15 करोड़ 71 लाख 40 हजार रुपये कमा ले रही है। बता दूं कि यह सिर्फ अनुमानित आंकड़े हैं, वास्तविक कमाई इससे भी कहीं ज्यादा होगी। मैंने इसमें सिर्फ एक रुपये चैरेटी का हिसाब लगाया है। दो रुपये का या तीन या पांच रुपये का हिसाब लगा लें तो आंकड़े आप खुद जोड़ सकते हैं। क्यों मांगते हैं भीख ? अब बड़ा सवाल उठता है कि आखिर ये कंपनियां हमसे चैरेटी के नाम पर एक रुपये का भीख क्यों मांगती हैं? सामान्य तरीके से समझाने की कोशिश करता हूं। दरअसल आयकर अधिनियम के तहत भारत में व्यापार करने वाली सभी बड़ी कंपनियों के लिए सीएसआर यानि कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसब्लिटी एक्टीविटी को अनिवार्य कर दिया गया है। स्पष्ट किया गया कि एक वित्त वर्ष में अगर आपको पांच करोड़ या उससे ऊपर का शुद्ध लाभ हुआ है तो कंपनी की कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) नीति के लिए पिछले 3 वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2% खर्च करना होगा। यदि उक्त राशि खर्च नहीं की जाती है, तो ऐसा न करने के कारणों का खुलासा बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट में किया जाना अनिवार्य है। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद कंपनी अधिनियम, 2013 में कुछ और कड़े प्रावधान जोड़ दिए गए। बड़ी कंपनियों को सीएसआर गतिविधियों पर अनिवार्य रूप से खर्च करने की आवश्यकता एक अप्रैल 2014 से प्रभावी कर दी गई। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि सीएसआर गतिविधि पर खर्च होने वाली रकम का इनकम टैक्स छूट से कोई लेना देना नहीं होगा। अब यहीं पर कंपनियों के लिए पेंच फंस गया। पहले उन्हें सीएसआर के जरिए इनकम टैक्स में छूट का लाभ मिल जाया करता था। अब वह सुविधा बंद हो गई। ऐसे में कंपनियों को सीएसआर का पैसा अपने मुनाफे में से देना पड़ रहा था। ऐसे में इन कंपनियों ने शातिराना अंदाज में इमोशनल गेम प्लान किया। प्लान का हिस्सा बने हमारे और आपके जैसे मीडिल क्लास लोग। पैसा हमारा, नाम उनका अब यह कंपनियां अपने पैसों से तो सामाजिक कार्य करने से रहीं। ऐसे में इनके काम आते हैं हम जैसे मीडिल क्लास लोग। यानि पैसा हमारा, नाम उनका। बड़े बड़े बैनर और पोस्टर्स पर इनकी सीएसआर एक्टीविटी भी आपको स्टोर में नजर आ जाएंगी। अपने दान पुण्य के कामों की ब्रांडिंग अलग। टैक्स फाइल करते समय भी लेखा जोखा पूरा अपडेट। बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म पर सामाजिक कार्यों के लिए सम्मान अलग से। मतलब हींग लगे न फिटकरी, रंग पूरा चोखा। आपके द्वारा चैरेटी में दिए गए पैसे इनकी चैरेटी में काम आ रहे हैं। समझदार बन सकते हैं तो अगली बार आप किसी स्टोर में जाएं और आपसे भी एक या दो रुपये का भीख मांगा जाए तो सावधान हो जाएं। एक रुपये देकर आप अपना तथाकथित स्टेटस बचाना चाहते हैं तो बचाएं, नहीं तो मेरी तरह साफ मना कर दें। मैं तो साफ कह दे देता हूं, कागज के थैले तक के तो पैसे काट ले रहे हो (हालांकि यह भी अवैध है, इसकी चर्चा फिर कभी) और चैरेटी हमसे करवा रहे। मेरे पास चैरेटी के लिए फालतू पैसा नहीं है। एक काम और कर सकते हैं। जब भी खरीदारी करके आएं एक से लेकर पांच रुपए प्रति खरीदारी आप गुल्लक में डाल दें। साल के अंत में या तीन साल पर सीएसआर की जगह एसएसआर(सेल्फ सोशल रेस्पांसब्लिटी) एक्टीविटी करें। किसी वृद्धा आश्रम में दान कर दें। किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई में मदद कर दें। सोशल वर्क के लिए और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर खरीदारी के जरिए एसएसआर की शुरुआत करें। यकीन मानिए, अच्छा लगेगा। जय हिंद।