Friday, February 6, 2009

dosti ki ibadat

वसंत आ गया है। वासंती रंग में सभी रंगे हैं। क्या बच्चे क्या यूथ सभी पर वसंत के रूप में वैलेंटाइन बाबा का भी आशीर्वाद बना हुआ है। मैं तो प्यार, दोस्ती के इस पवित्र सप्ताह को हर साल मनाता हूँ। इसे संयोग कहें या इत्तिफाक फरवरी के इसी महीने में आज से करीब 14साल पहले मुझे मेरा सबसे अजीज दोस्त मिला था। हमारी दोस्ती को १४साल बीत चुके हैं। इतने दिनों में हमारी दोस्ती ने कई खट्टे मीठे दिनों को देखा है। सच कहूं इन यादों को याद कर आज भी मन खिल उठता है। वक्त ने आज हमारे बिच किलोमीटर की दूरियां बढ़ा दी हैं लेकिन दोस्ती की मिठास आज भी कायम है। ऊपर वाले से ये दुआ है यह मिठास ता उम्र बनी रही। मैंने कहीं पढ़ा था सोंचा क्यूँ नही आप लोगों से भी शेयर करूं। इन चंद ल्प्जों में दोस्ती की इबादत है। मेरे अजीज दोस्त रवि के लिए.............. लोग कहते हैं जमीं पर किसी को खुदा नही मिलता शायद उन लोगों को दोस्त तुम सा नही मिलता..... किस्मत वालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में यूँ हर शख्श को तो जन्नत का पता नही मिलता.... आपने साये से भी ज्यादा यकीं है मुझे तुम पर अंधेरे में तुम तो मिल जाते हो साया नही मिलता...... इस बेवफा जिंदगी से शायद मुझे इतनी मोहबत न होती अगर इस जिंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नही मिलता.......

1 comment:

gyanendra kumar said...

Wah-Wah

Please! Copy 100 time these words.