Thursday, March 25, 2010

पहचान कौन

इन दिनों मोबाइल कंपनी वालों ने आफत कर रखी है। आफत का आरोप आप इन कम्पनिओं पर डिरेक्ट तो नहीं चस्पा कर सकते हैं। लेकिन इनडिरेक्ट तो आफत इन्ही की देन है। जब से मोबाइल कंपनी वालों ने फ्री का सीम बंटाना शुरू किया है हर दुसरे के पास दो चार सीम आपको नजर आ जायेंगे। दो दो फ़ोन तो पहले से ही स्टेटअस सिम्बल बन चूका है। अब जब से फ्री में सीम का कलचर डेवलप हुआ है रोज दो चार कॉल ऐसे आ जाते हैं उधर से बोलने वाला सबसे पहले यही कहेगा ...... हेल्लो.... हाँ हम बोल रहे हैं। नया नंबर देख कर आप पूछेंगे...हम कौन... तपाक से जवाब मिलेगा...पहचान कौन (अबे हम कोई भगवन थोरे ही हैं की नंबर देख कर आपकी पूरी हिस्टरी और जिओग्राफी जान जायेगे ) अब जब आप बताएँगे की भाई साहेब माफ़ कीजियेगा आपको पहचाना नहीं...जवाब मिलेगा...क्यूँ गुरु इतनी जल्दी भूल गए...(अब भूल ही गए हैं तो क्या बात करनी) आप कहेंगे अरे भाई साहेब गलती हो गई...अब आप ही बता दीजिये आप कौन....लेकिन वो जनाब भी नमूना निकलेंगे...कहेंगे...नहीं बताएँगे...आप ही पहचानिए कौन .... तो जनाब आप भी इन कौन पहचान टाइप वाले लोगों से सावधान हो जाइये... जैसे ही कोई नम्बर देख उधर से आवाज आये...पहचान कौन...आप भी तपाक से बोल उठिए...जनाब फ़ोन आपने ही किया है..आप ही फरमाइए...आप कौन.........

2 comments:

Udan Tashtari said...

बड़ी परेशानी होती है ऐसे मित्रों से जो पहचनवाने के अडिग हो उठते हैं. :)

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हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!

लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.

अनेक शुभकामनाएँ.

Harish said...

wahi sir kya likha hai... main bhi aise logon se khub paresan hoon