Monday, April 24, 2023

सचिन सचिन की वो गूंज और अब "माहीमय" ईडन गार्डन

याद करिए 2010 से 2012 के क्रिकेट का दौर। ये सचिन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के अंतिम पड़ाव का दौर था। सचिन जहां भी जाते थे स्टेडियम में सचिन सचिन का शोर सुनाई देता था। विदेश का दौरा हो या भारतीय सरजमीं पर सचिन का मैच, खड़े होकर दर्शकों का सचिन के प्रति सम्मान प्रकट करना हर किसी को अंदर से भाव विभोर कर जाता था। हर एक क्रिकेट प्रेमी सचिन के प्रति अपने प्यार को प्रकट करने को बेताब रहता था। क्रिकेट के प्रति सचिन के समर्पण, सम्मान, सआदत, सकरात्मक सोच, सक्रियता का ही नतीजा था कि वो सफलता के उस सोपान पर पहुंचे कि आज तक कई ऐसे क्रिकेट रिकॉर्ड हैं जो टूटने का इंतजार ही कर रहे हैं। सचिन ने भी कई मौकों पर दर्शकों को उनके इस प्यार के लिए आभार जताया है। 24 अप्रैल को अपने जीवन का पचासवां जन्मदिन मनाने के वक्त भी वो अपने चाहने वालों का शुक्रिया कहना नहीं भूले।
भले ही सचिन के कई रिकॉर्ड को कोई आज तक तोड़ नहीं पाया हो। पर उनके प्रति दीवानगी से अगर कोई आगे बढ़ सका है तो वह है भारत का सर्वकालिक सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से धोनी को विदा हुए लंबा वक्त होने जा रहा है पर आईपीएल में उनकी एक झलक पाने को जिस तरह दर्शक आज भी बेताब हैं वह धोनी की लोकप्रियता को बताने के लिए काफी है। धोनी के बैटिंग का समय आता है तो जियो सिनेमा पर लाइव देखने वाले दर्शकों की संख्या अचानक से एक करोड़ से छलांग लगाकर दो करोड़ के ऊपर पहुंच जाती है। कई मैच में मैंने देखा कि लोग चेन्नई सुपरकिंग के प्रशंसक होने के बावजूद जल्द से जल्द चौथा विकेट के गिरने की दुआएं मांगने लगते हैं। चौथा विकेट गिरते ही उनकी खुशी चौगुनी हो जाती है। चौथा या पांचवां विकेट गिरते ही किसी भी दूसरी टीम के प्रशंसकों में खामोशी छा जाती है, जबकि चेन्नई सुपरकिंग का मैच अगर हो रहा है तो इतना शोर होता है मानो बवंडर आ गया हो। धोनी-धोनी के शोर से पूरा स्टेडियम गूंजने लगता है। कल ईडन गार्डेन में हुए मैच को अगर किसी ने लाइव देखा हो तो उसे महसूस हुआ होगा कि ईडन गार्डन "माहीमय" हो गया था। मैच कोलकाता में हो रहा था, घरेलू मैदान पर कोलकाता नाइड राइडर्स की टीम थी। पर लोग सिर्फ और सिर्फ माही को देखने आए थे। हर तरफ पीली जर्सी ही नजर आ रही थी। वह भी नंबर सात की।
उफ ! किसी क्रिकेटर के प्रति ऐसी दीवानगी मैंने तो कभी नहीं देखी। ऐसा प्यार, ऐसा दुलार, ऐसा सम्मान, ऐसा क्रेज, मुझे लगता है कभी होम ग्राउंड में दादा (सौरभ गांगुली) को भी न मिला हो। धोनी ने यह सम्मान कमाया है अपनी जुनून और मेहनत के बल पर। क्रिकेटप्रेमियों को लग रहा है यह आईपीएल उनका अंतिम टूर्नामेंट होगा। इसके बाद वो माही को मैदान में नहीं देख सकेंगे। ऐसे में शायद लोग माही को हर एक नजरिए से शुक्रिया कहना चाह रहे हैं, शुक्रिया माही देश को जीतने का जुनून देने के लिए। (सभी फोटो चेन्नई सुपरकिंग के ट्विटर अकाउंट से साभार)