Wednesday, November 5, 2025
जब मैंने कहा, सर आपका नाम भूल गया
काफी दिनों बाद छुट्टी में घर पर था। त्योहार की भागदौड़ में लगा था पर इसी में समय निकालकर मुजफ्फरपुर की पुरानी यादों को भी सहेज रहा था।
एक दिन लंगट सिंह कॉलेज #lscollegemuzaffarpur के कैंपस में चक्कर लगाकर छाता चौक की तरफ जा रहा था। कॉलेज गेट से निकलते ही साइकिल से जाते एक शख्स को देखा। चेहरे पर नजर गई तो लगा कहीं तो इन्हें देखा है। कहां देखा है, इसी उधेड़बुन में थोड़ा आगे निकल गया। फिर स्कूटी वापस मोड़ दी। कॉलेज कैंपस में थोड़ी दूर पर उनकी साइकिल की बगल में स्कूटी रोकते हुए उन्हें रुकने का इशारा किया। पहले तो वे घबराए, पता नहीं कौन हाथ देकर रोक रहा है। फिर पूछा कहिए क्या बात है। मैंने उनसे सीधे पूछा सर क्या आपने बीयू कैंपस स्कूल #bucampus में कभी पढ़ाया था। इतना सुनते ही वे साइकिल से उतर गए। मैंने भी स्कूटी साइड में लगाई। पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया। वह अचंभित थे। कैसे मैंने उन्हें इतने सालों बाद पहचान लिया। एक दो साल नहीं करीब 35 साल का यह गैप था।
हम दोनों के लिए बहुत भावुक कर देने वाला पल था। उनकी आंखें नम हो चुकी थीं। खुशी इस बात की थी इतने सालों बाद भी उनके किसी छात्र ने उन्हें पहचान लिया। यही होता है शिक्षक और छात्र का रिश्ता।
मैंने पूछा सर आपको मेरा नाम याद है क्या? उन्होंने कहा नहीं नाम तो याद नहीं पर मेरा एक छात्र था मृणाल उसी से तुम्हारा चेहरा थोड़ा बहुत मिल रहा है। मैंने कहा सर उनका एक छोटा भाई था कुणाल। अचानक उनका चेहरा खिला उठा। मुझे गले से लगा लिया।
कुछ साल पहले मैंने घर के अलबम से अपने स्कूल के दिनों की तस्वीरों को मोबाइल में कैद किया था। एक तस्वीर में मेरे सभी शिक्षकों की ग्रुप फोटो भी थी। मुझे अचानक याद आया और मैंने उस तस्वीर को सर को दिखाया। उस तस्वीर को देखकर वे आश्चर्यचकित और अचंभित थे। उस तस्वीर में पीछे की तरफ वह भी खड़े थे। खूब सारी बातें हुईं। नंबर एक्सचेंज हुए। मुझे झोला भर-भर के आशीर्वाद मिला। थोड़ा सकुचाते हुए पूछा। सर अगर आपको बुरा न लगे तो एक बात कहूं, मुझे आपका नाम बिल्कुल याद नहीं आ रहा है। नम आंखों को पोछते हुए कहा, तुमने मुझे इतने सालों बाद पहचान लिया यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। फिर धीरे से कहा मेरा नाम उदय है। मैंने उनके साथ सेल्फी ली। तस्वीर के अंदर झांककर देखेंगे तो आंखों में उमड़े खुशियों के समुंदर को देख सकेंगे। जल्द ही दोबारा मिलने का वादा लेकर साइकिल पर पैडल मारते हुए उन्होंने कहा तुमने मेरा दिन बना दिया। मैं दूर तक उन्हें जाते देखता रहा। ये पल अनमोल थे।
#BiharVibes #childhoodmemories
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