जिस धार्मिक स्थल पर करीब एक करोड़ से अधिक लोग हर साल पहुंचते हैं, वहां अगर कोई नई सुविधा मिल जाए तो यह किसी सौगात से कम नहीं है। कुछ ऐसा ही वैष्णव देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुला नया मार्ग है। इस नए मार्ग का नाम है ताराकोट मार्ग। 20 जून को मैंने परिवार के साथ इसी मार्ग से यात्रा की। आइए आपको भी लेकर चलता हूं इसी मार्ग से माता के दरबार तक।
दरअसल वैष्णव देवी भवन तक पहुंचने के लिए बेस कैंप कटरा है। यहां से आप तमाम तरीके से 13 किलोमीटर ऊपर त्रिकुटा पर्वत स्थित माता वैष्णव देवी भवन तक पहुंच सकते हैं। सबसे पुराना मार्ग बाणगंगा की तरफ से है। कटरा बस स्टेशन से बाणगंगा तक आप आॅटो के जरिए पहुंच सकते हैं। यहीं से आपको घोड़ा, पालकी और पिठ्ठू की सुविधा मिलती है। श्राइन बोर्ड ने प्री-पेड बूथ स्थापित कर रखे हैं जहां से आप तय राशि देकर कोई सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि भवन पहुंचने वाले करीब अस्सी प्रतिशत लोग पैदल ही भवन तक की 13 किलोमीटर यात्रा पूरी करते हैं। बाणगंगा से अर्द्धकुंवारी तक की दूरी छह किलोमीटर है। फिर यहां से आगे सात किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है, जिसे हाथी मत्था की चढ़ाई कहते हैं। अर्द्धकुंवारी से ही एक नया रास्ता भी बना है जिसे हिमकोटी मार्ग कहते हैं। जिन यात्रियों को हाथी मत्था की खड़ी चढ़ाई नहीं करनी है वह हिमकोटी मार्ग से जा सकते हैं। हिमकोटी मार्ग से घोड़े और खच्चड़ नहीं जाते हैं। वह पुराने मार्ग यानि हाथी मत्था होकर ही जाते हैं। जो सांझी छत की तरफ से जाता है।
अगर आप कटरा से हेलिकॉप्टर सुविधा लेते हैं तो वह हेलिकॉप्टर भी आपको सांझी छत तक ही छोड़ता है। वहां से करीब ढ़ाई किलोमीटर तक आपको पैदल चलना पड़ता है। हालांकि अब सांझी छत से आपको घोड़ा और पालकी की सुविधा भी मिलनी शुरू हो गई है।
ये तो हुई पुराने रास्तों और सुविधाओं की बात। पर अब वैष्णव देवी के श्रद्धालुओं के लिए श्राइन बोर्ड ने नए रास्ते की सौगात दी है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रास्ते का उद्घाटन किया था। यह रास्ता ताराकोट गांव की तरफ से जाता है, जिसे ताराकोट मार्ग कहा जाता है।
आधुनिक तरीके से तैयार ताराकोट मार्ग |
ताराकोट मार्ग बेहद आधुनिक तरीके से तैयार किया गया है। यह रास्ता अर्द्धकुंवारी तक सात किलोमीटर तक का है। बता दूं कि बाणगंगा होकर जाने पर दूरी छह किलोमीटर है। अर्द्धकुंवारी से यह मार्ग हिमकोटी वाले मार्ग से जुड़ गया है। जहां से भवन की दूरी सात किलोमीटर है। ताराकोर्ट मार्ग पर न तो घोड़े-खच्चर और न पालकी की सुविधा है। यहां सिर्फ पिठ्ठू ही मौजूद मिलेंगे। जैसा की मैंने बताया कि यह रास्ता बेहद आधुनिक तरीके से बनाया गया है। यह 7 किमी लंबा ये रास्ता बालिनी ब्रिज से अर्द्धकुंवारी को जोड़ता है।
पुराने रास्ते पर कहीं-कहीं ही आपको शेड मिलेंगे, जबकि इस नए रास्ते को 95 प्रतिशत अत्याधुनिक शेड से ठंका गया है। जिससे आप गर्मी, बारिश और बर्फबारी में भी आराम से पैदल यात्रा कर सकते हैं। यह रास्ता काफी चौड़ा है जिससे महिंद्रा पिकअप और एंबूलेंस भी आसानी से आ जा सकती है। इस रास्ते पर अत्याधुनिक एंटी स्किड टाइल्स भी लगाई गई है, जिससे पैदल यात्रियों को काफी सुविधा होती है। साथ ही इस मार्ग पर स्लोप स्टैबेलाइजेशन टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया गया है, ताकि चढ़ाई सरल रहे। सीधे शब्दों में कहें तो चढ़ाई बिल्कुल सामान्य है, खड़ी चढ़ाई नहीं है। बाणगंगा होकर जाने पर आपको बिल्कुल खड़ी चढ़ाई मिलेगी।
ताराकोट मार्ग पर हर दो सौ मीटर पर वॉटर कुलर एटीएम लगाए गए हैं, जहां आरओ का स्वच्छ पानी आपके लिए मुफ्त उपलब्ध है। पूरे रास्ते को मल्टीपर्पज आॅडियो सिस्टम से लैस किया गया है। इस रास्ते में बाणगंगा की तरह आपको जगह-जगह खाने पीने के स्टॉल नहीं मिलेंगे। आधुनिक रूप से तैयार व्यू प्वॉइंट पर आपको कैफेटएरिया मिलेंगे। इस रास्ते में आपको करीब छह व्यू प्वाइंट और कैफेटएरिया मिलेंगे।
ताराकोट में तैयार किया गया पार्क। |
तारोकोट में श्राइन बोर्ड का लंगर हॉल। |
भवन से भैरव स्थान जाने के लिए रोपवे की सुविधा। |
रोपवे की सुविधा
भवन में मां वैष्णव देवी का दर्शन करने के बाद यात्री भैरव स्थान जाते हैं। भैरव स्थान जाने के लिए बेहद खड़ी चढ़ाई चढ़नी होती थी, पर अब भवन के पास से ही रोपवे की सुविधा मिल गई है। निर्धारित टिकट प्राप्त कर आप रोपवे से सीधे भैरव स्थान पहुंच सकते हैं। आप रोपवे से या तो दोबारा नीचे आकर हिमकोटी के रास्ते नीचे उतर सकते हैं। या फिर भैरव घाटी होते हुए, पुराने रास्ते हाथी मत्था, अर्द्धकुंवारी होते हुए बाणगंगा तक पहुंच सकते हैं। भैरव घाटी से से आपको नीचे उतरने के लिए घोड़े भी मिल जाएंगे। श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा के लिए सबसे अधिक ध्यान तमाम चीजों के रोट्स पर दिया है। पहले रेट्स को लेकर यात्री बेहद कंफ्यूज रहते थे। अब सभी के रेट्स निर्धारित हैं। जगह-जगह बोर्ड भी लगे हैं और प्री-पेड काउंटर्स भी हैं।
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2 comments:
शानदार सर
बहुत सुंदर
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