Thursday, May 28, 2015

डियर ‘मैगी’ तुम ऐसी तो न थी

ओ डियर मैगी, तुम ऐसी तो नहीं थी। दुनिया भर की यादें तुमसे जुड़ी हैं। पीले आवरण में ढंका तुम्हारा सफेद और साफ सुथरा बदन, तुम्हारा टेढ़ा मेढ़ा होना, इठला कर गरम पानी में अपने आप को बिखेर लेना। उफ ! तुम्हारी इन अदाओं पर कौन न मर जाए। दो मिनट में तुम्हारा तैयार हो जाना, तुम्हारे वो गरम तेवर का रसा-स्वादन। सब कुछ तो था तुममें। पर तुम ऐसी क्यों हो गई हो। क्यों तुम्हारे नाम पर इन दिनों एक अजीब सा माहौल बनने लगा है। मैगी, तुम्हें तो शायद पता भी न हो कि तुम्हारे कारण धक-धक गर्ल माधूरी दीक्षित को नोटिस मिल गया है। क्योंकि उसने तुम्हारा विज्ञापनों के जरिए गुनगान किया था।
क्यों मैगी, आखिर क्यों, तुमने अपने आप को इतना व्यवसायिक बना लिया है। शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिससे तुम्हारी यादें न जुड़ी हों। हर एक शख्स की जिंदगी का पन्ना पलट लिया जाए तो सबमें मैगी तुम्हारी एक कहानी बसी होगी। तुमने मेरे बैचलर्स लाइफ को कितना इजी गोइंग बना दिया था। सुबह जब आॅफिस जाने की हड़बड़ी होती थी, तो वो तुम ही थी जो साथ निभाती थी। देर रात आॅफिस से थक कर आने के बाद खाना न बनाने का मूड हो तब भी तुम मौजूद थी। हर उस पल में तुम हमारे साथ रही। हर सुख दुख में साथ रही। मुफलिसी का दौर आया तब भी तुमने साथ न छोड़ा। पॉकेट भरा हो तब भी तुम्हें ही हमने चाहा।
जवानी तो जवानी, बचपन में भी तुम्हारे लिए तो हम दो मिनट रुकने को तैयार रहते थे, सिर के बल रहने को तैयार रहते थे। मुझे याद है आज भी जम्मू-कश्मीर की मेरी वो मौज मस्ती की यात्रा। जब मैं अपने दोस्त ज्ञानेंद्र के साथ घोर बर्फबारी में उधमपुर से ऊपर पटनी टॉप और नत्था टॉप पर चला गया था। जबर्दस्त ठंड, बर्फबारी के बीच जब पेट में आग लगी थी, तब तुमने कैसे हमें बचाया था। माइनस 7 डिग्री में भी तुम सुलभ थी। तुमने हमें बचाया था मैगी, कैसे भूल सकता हूं तुम्हारा शुक्रिया अदा करना।
मैं उस वक्त को भी नहीं भूल सकता जब पत्नी मेघा के साथ चाइना बॉर्डर के पास नाथूला टॉप गया था। वहां भी मैंने तुम्हें पाया था। भयानक ठंड में फंस जाने के बाद अमीरी गरीबी की सारी दीवार को तुमने चकनाचुर कर दिया था। मजूदर से लेकर धन्ना सेठ भी उस दिन तुम्हारे कारण ही बच सके थे। 
चाहे हिमाचल की पहाड़ी हो या बंगाल की खाड़ी। अंडमान का निर्जन टापू हो या मुंबई की चाल। तुम्हें हमने हर जगह पाया है। मैगी तुम तो कल्पना भी नहीं कर सकती कि तुम कितनी खास हो हम लोगों के लिए। शादी शुदा बैचलर्स की बात हो या शादी शुदा होने पर पत्नी का रूठ जाना और किचन में न जाने की कसम खा लेना। तुम ही तो हो जो हमारा ख्याल रखती हो। मम्मीयों के किटी पार्टी में चले जाने पर बच्चों की देखभाल करने वाले पतियों के लिए भी तुम संजीवनी हो। हॉस्टल लाइफ की तो तुम लाइफ लाइन हो। साउथ इंडिया में जाकर दस दिन रहने वाले नॉर्थ इंडियन के लिए भी तुम ही सहारा बनती हो। आॅफिस के कैंटिन की भी तुम ही शान रहती हो। मैगी तुम्हारी कितनी तारीफ करूं मैं। जितनी भी तारिफ करूंगा कम पड़ जाएगी
पर अब डर लग रहा है। जिस तरह तुम्हारे खिलाफ लोग जहर उगल रहे हैं उसने मुझे विचलित कर दिया है। मैगी तुम्हारे ऊपर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं। सब कह रहे हैं कि तुम्हारे अंदर लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) की मात्रा अधिक है। कह रहे हैं कि लैब रिपोर्ट में यह बातें आई हैं। लोग हंगामा कर रहे हैं। कहते हैं कि तुम्हारे कारण हर्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा कैसे हो सकता है मैगी। तुम तो हर दिल पर राज करती हो उनके दिल को कैसे बर्बाद कर सकती हो । विश्वास नहीं होता है। क्यों नहीं तुम सामने आ रही हो। सामने आकर कह दो मैगी कि तुम्हारे खिलाफ राजनीतिक साजिश रची गई है। मार्केटिंग की प्रतिस्पर्द्धा के कारण तुम्हें बदनाम किया जा रहा है। यह एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। तुम्हारे खिलाफ हेल्थ और फूड विभाग वालों ने भी मोर्चा खोल दिया है। मैगी तुम शांत क्यों बैठी हो। सामने आओ और कह दो सब झूठ है।
क्या सच में तुम हमारे बीच से चली जाओगी। तुम न होगी तो क्या होगा। मैगी एक तुम ही तो हो जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक पसंद करते हैं। एक  तुम ही तो हो जो हर वक्त, हर पल साथ रहती हो। प्लीज कुछ करो। सामने आओ अपनी कंपनी के लोगों के साथ। अगर सच में तुममें कुछ कमी है तो उसे भी स्वीकार करो। गलती किससे नहीं होती है। पर एक गलती की इतनी बड़ी सजा मत दो। तुम्हारा चले जाना किसी को बर्दास्त नहीं होगा। अगर तुमने गलती की है तो उसे सुधारने की कोशिश करो। टीवी पर आओ, वादा करो। भरोसा दिलाओ। मैगी तुम्हारी बदनामी मैं नहीं देख सकता। तुम मेरी थी, मेरी हो, मेरी ही रहोगी।

आई लव यू मैगी।

14 comments:

Unknown said...

Sir ab tk kisi ne maggi ko itna difine nahi kiya hoga. Aap great ho sir. Heads off u.

sumeet said...

sir...please share your recipe..how to cook such type of yummy article...superb,really delicious....maja aa gaya.. maggi ke taste se bhi jayada achcha laga ye taste...

musaffir said...

Thnanks Sunil

musaffir said...

Thanks Sumeet Ji for your delicious appreciation..

Navneet Sharma said...

ग्रेट सर जी। लेकिन इस मैगी में जो हमारे देश के वैज्ञानिकों ने या अनय लोगों ने पाया है उसे भी हम झुठला नही सकते। पता नही इतनी आसानी से पर्याप्त् होने वाली इस मैगी ने कितने लोगों को मोनोसोडियम ग्लूटामेट के जरिए निगल लिया हो। सवाल तो यह है कि जब ऐसे प्रोडक्ट बनकर मार्किट में उतरता है तो इन्हें पास करने वाले सरकारी बाबू या नेता कहाँ होते हैं। शायद वो रिश्वत लेकर किसी कोने में बैठ जाते हैं। और अब हल्ला मचाने में जूट हैं।

mrinal said...

काफी दुखद एहसास है ये

musaffir said...

Sahi kaha Navneet... lekin ye marketing rival bhi to ho skta hai....

Rashmi Khati said...

Fabulous, maggi k bina kya jindagi. Mujhe acchi tarah yaad mere dad har mahine canteen se thok k bhaav maggi late the. Bahut aje udhaaye hain. Kai memories banai hain. Maggi ko koi toh bachaa lo. Ek kaam karte hai dharna candel light march iske liye bhi aayojit krte hain. Heeheee. Any how majaa aya padhne main. Samanya se baat ko rochak andaaj main likha hain.

musaffir said...

कैंडल मार्च वाला प्लान गुड है रश्मि।

musaffir said...

कैंडल मार्च वाला प्लान गुड है रश्मि।

Rashmi said...

Hummmm.............Kafi bhavnaye judi hai maggi se tumhari, Kunal Babu

Rashmi said...

Hummmm.............Kafi bhavnaye judi hai maggi se tumhari, Kunal Babu

musaffir said...

Haan Ji Rashmi Mam...Maggi is my first Love (Foodie)

Unknown said...

कुनाल सर क्या बात , आप की मैगी बी खायी और बापू जी के सामने बार (गाँधी पार्क) में भी बेठा था ! पर बार के अन्दर बेठकर भी न जाने क्यों दुख हो रहा हे, मैगी के लिए भी और सरकारी दीवारों पर लटके बापू के लिए भी ! आज मैगी पर जो लांचन लग रहे हे वो भी बापू जी (नोट) के चकर में , आज मैगी को साथ रखने का दिल तो करता हे पर डर लगता हे की कोई मेरे किचेन में गैस के पास मैगी को न देख ले ! डर जरुरी हे अभी कुंवारा जो हो